KISAN नेता Sarvan Singh Pandher ने बताया कि 101 किसानों का एक जत्था शंभू बॉर्डर विरोध स्थल से दिल्ली के लिए कूच शुरू करेगे
तो वही बीते कई दिनों से किसान अपनी मांगों को लेकर शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। और 6 दिसंबर 2024 को किसान फिर से दिल्ली कूच करने वाले हैं। हालांकि पिछली बार की तरह इस बार किसान ट्रैक्टर-ट्ऱॉली नहीं लाएंगे। हालाकी इस बार किसान पैदल ही दिल्ली जाएंगे। साथ ही किसानों के मार्च से पहले दिल्ली में पुलिस ने बॉर्डर वाले इलाकों पर सुरक्षा कड़ी कर दी है।
February से किसान कर रहे हैं प्रदर्शन
किसानों ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी समेत अपनी कई मांगों को लेकर इससे पहले 13 फरवरी और 21 फरवरी को राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करने का प्रयास किया था। लेकिन उन्हें सुरक्षा बलों ने पंजाब-हरियाणा सीमाओं पर शंभू और खनौरी में रोक दिया था। तो वही इस बार किसान 12 मांगों को लेकर मार्च कर रहे हैं। हालाकी उनमें से एमएसपी (MSP) की गारंटी, मुआवजा, पेंशन, स्वामीनाथन आयोग के सुझाव को लागू करना शामिल है।

किसानों की मांगें
- सभी फसलों की खरीद पर MSP को लेकर कानून बनाया जाए। इसे स्वामीनाथन आयोग के सुझाव के अनुसार फसलों की कीमत C2+50 फीसदी फॉर्मूले पर तय हों।
- गन्ने का FRP और एसएपी स्वामीनाथन आयोग के सुझाव के तहत तय हों।
- किसानों और मजदूरों का कर्ज मांफ हो।
- भारत को विश्व व्यापार संगठन (WTO) से बाहर निकलने की मांग। तो वही खेती करने के चीजों, फलों, सब्जियों और मांस पर आयात शुल्क कम हो। इसके लिए भत्ता बढ़ाने की मांग की गई है।
- किसानों और 58 वर्षों से अधिक खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन योजना के तहत 10 हजार रुपये प्रति महीना पेंशन दिया जाए।
- फसल के नुकसान को लेकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार करने की जरूरत। वही फसलों के नुकसान का आकलन करते समय खेत एकड़ को ईकाई मानकर इस्तेमाल करे।
- भूमि अधिग्रहण एक्ट 2013 को फ्लो करते हुए केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकारों को जो निर्देश दिए हैं वो रद्द हों।
- हर साल मनरेगा के तहत 200 दिन काम मिले। इसमें मजदूरी को बढ़ाकर 700 रुपये करने की मांग की गई है।
- कीटनाशक, बीज और उर्वरक अधिनियम में संशोधन हो और बीजों की गुणवत्ता में सुधार हो। जिसे की निकली बीज बचने वालों का लाइसेंस रद्द हो।
- संविधान की पांचवीं अनुसूची का पालन हो।
- न्यूनतम मजदूरी 26 हजार रुपये करने की मांग की गई है।
- इसमें किसानों के पिछले आंदोलन से जुड़ी मांगें हैं। जिसमें खीमपुर खीरी हत्या मामले में कार्रवाई की मांग की गई है। साथ ही पिछले आंदोलन के घायलों को 10 लाख रुपये का मुआवजा और आंदोलनों के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमें को रद्द करने की मांग की गई है। तो वही आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवार वालों को नौकरी शामिल है।